An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
Blog Article
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी shiv chalisa in hindi (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन